भगवान श्री गणेश के अनसुने आश्चर्यजनक तथ्य

                 श्रीगणेश बुद्धि और कौशल के देवता हैं। उनकी आराधना कर अर्थ, विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, प्रसिद्धि, सिद्धि सहजता से प्राप्त हो जाते हैंं। हिन्दु धर्म में श्री गणेश प्रथम पूज्य देवता हैंं परंतु इस हकीकत से परे एक और सत्य है। श्री गणेश सिर्फ हिन्दुओं द्वारा और भारत में ही नहीं पूजे जाते, बल्कि विश्व में कई जगहों पर श्रीगणेश प्रमुख आराध्य देव हैं।
 

                श्री गणेश की आराधना को लेकर कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिनसे आप अब तक अंजान रहे। इन्हें जानने के बाद आप और अधिक श्रद्धा और भक्ति के साथ गणपतिजी की आराधना में जुट जाएंगे। जानिए क्या है विश्व के अन्य स्थानों पर श्रीगणेश की पूजन परंपराएं और उनके विषय में प्रचलित मान्यताएं...

जापान में भगवान गणपतिजी के 250 मंदिर हैं।

जापान में श्रीगणेश को 'कंजीटेन' के नाम से जाना जाता है। वे वहां सौभाग्य और खुशियां लाने वाले देवता है।

ऑक्सफॉर्ड में छपे एक पेपर के अनुसार श्रीगणेश प्राचीन समय में सेंट्रल एशिया और विश्व की अन्य जगहों पर पूजे जाते थे। 

गणेशजी की मूर्तियां अफगानिस्तान, ईरान, म्यान्मार, श्रीलंका, नेपाल, थायलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, चाइना, मंगोलिया, जापान, इंडोनेशिया, ब्रुनेई, बुल्गारिया, मेक्सिको और अन्य लेटिन अमेरिकी देशों में मिल चुकी हैं। 

श्रीगणेश की मूर्तियों और चित्रों की प्रदर्शनी दुनिया के लगभग सभी खास म्यूजियम और आर्ट गैलरियों में लग चुकी हैं। खासतौर पर यूके, जर्मनी, फ्रांस और स्वीट्जरलैंड में।

यूरोप के कई देशों, कनाडा और यूएसए में कई सफल बिजनेसमैन, लेखक और आर्टिस्ट अपने ऑफिस और घरों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं और चित्र रखते हैं।

हाल ही में बुल्गारिया के सोफिया के पास एक गांव में भगवान गणेशजी की एक प्रतिमा जमीन में से मिली। भारतीयों की तरह रोमन लोग श्रीगणेश की पूजा के साथ सभी काम शुरू करते थे। यूएसए की सिलीकॉन वेली में श्रीगणेश में सायबरस्पेस टेक्नोलॉजी का देवता माना जाता है।

श्रीगणेश ज्ञान के देव हैं और उनका वाहन मूषक है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी माउस (मूषक) का इस्तेमाल करते हैं। इसके माध्यम से ही उनके विचार और आइडिया मूर्त रूप लेते हैं। इस वजह से कम्प्यूटर इंडस्ट्री ने गणेशजी को सिलीकॉन वेली में मुख्य देवता माना। 

गणेशजी ग्रीक सिक्के पर भी हैं। हाथी के सिर वाले भगवानों की तस्वीरें भारतीय-ग्रीक सिक्कों पर मिलीं। ये सिक्के करीबी प्रथम और तीसरी सेंचुरी बीसी के आसपास के थे। 

वैदिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीगणेशजी करीब 10,000 साल पहले प्रकट हुए। वेदों में उन्हें 'नमो गणेभयो गणपति' के साथ पुकारा गया। वे मुश्किलें खत्म करने वाले देवता हैं।

इंडोनेशिया के करेंसी के नोटों पर भी श्रीगणेश की तस्वीर होती है।

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