महाभारत के दौरान परमाणु बम से नष्ट हुई थी हड़प्पा सभ्यता !

                 दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता व संस्कृति हड़प्पा संस्कृति को माना जाता है । हड़प्पा सभ्यता ईसा से 4000 से भी अधिक पुरानी खोजी गई है तो वही कुछ अन्य इतिहासकारों के अनुसार ये सभ्यता 7000-10000 साल पुरानी तो कई अनुसार उससे भी कहीं अधिक पुरानी है । इस सभ्यता के अचानक नष्ट होने के कई प्रमाण मिले मगर इस समय भी वैज्ञानिक इस बात पर शोध कर रहे हैं की आखिर ये सभ्यता अचानक कैसे नष्ट हुई।


                 शौध के दौरान जब महाभारत के द्वारा इस सभ्यता को जोड़ा गया तब कुछ चौंकाने वाली खोज हुई जिसने दुनिया की पुरानी सभी मान्यताओं को बदल दिया है की हड़प्पा सभ्यता महाभारत से अलग थी । इस दौरान असल में महाभारत कालीन सभ्यता ही हड़प्पा सभ्यता थी ।

हड़प्पा और महाभारत का सम्बन्ध-

                 भारत से सम्बन्धित हड़प्पा या सिन्धु घाटी सभ्यता को विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता बताया गया है । इस सभ्यता की खोज के समय हुई खुदाई में हिन्दू संस्कृति के ढेरों चिन्ह मिले है । खुदाई के दौरान अब तक पूजा करते पुरोहित, नर्तकी, पशुपति शिव की मूर्ति, पीपल की आकृति गढ़े हुए बर्तन और नरसिंह भगवान् के सिक्के मिले है जिनसे पता चलता है की विश्व की ये सबसे प्राचीन सभ्यता में हिन्दू देवी देवताओं की पूजा होती थी । मगर सबसे मुख्य बात ये है की हड़प्पा के नष्ट होने का समय वही है जो महाभारत के युद्ध का समय था।

महाभारत में क्या हुआ था ?

                 महाभारत के युद्ध में वर्णन आता है कि – ” एक ऐसा धमाका हुआ जो हजारो सूर्यो के बराबर था। जिससे चारो ओर धुल का गुब्बार फ़ैल गया था । चारों तरफ लोग मर रहे थे और उनमे से किसी के बाल गिर रहे थे तो किसी के नाख़ून और किसी की त्वचा गल रही थी । ” अब तक हुई खोज अनुसार महाभारत में वर्णित ये प्रसंग केवल परमाणु बम के फटने के लिए से मिलता है वरना इतिहास में अभी तक ऐसा कोई वर्णन है की कोई परमाणु बम फटने की कोई घटना हुई हो ।


रेडिएशन के प्रभाव-
                 वहीं हड़प्पा सभ्यता के आस पास वैज्ञानिको को रेडिएशन का लेवल काफी अधिक मिला है जो अन्य स्थानों की तुलना में काफी अधिक है । जिससे ये अंदाज़ा भी लगाया जा रहा है कि हड़प्पा सभ्यता परमाणु बम के हमले के कारण नष्ट हुई थी । इस रेडिएशन के प्रभाव में आकर ही हड़प्पा के कई नागरिको की मौत हुई थी जिनके कंकाल खुदाई के दौरान मिले थे ।

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