दूध : धरती का अमृत

                दूध पुराने समय से ही मनुष्य को बहुत पसन्द है। दूध को धरती का अमृत कहा गया है। दूध में विटामिन `सी´ को छोड़कर शरीर के लिए सभी पोषक तत्त्व यानि विटामिन हैं। इसलिए दूध को पूर्ण भोजन माना गया है। सभी दूधों में माता के दूध को श्रेष्ठ माना जाता है, दूसरे क्रम में गाय का दूध है। बीमार लोगों के लिए गाय का दूध श्रेष्ठ है। गैस तथा मन्दपाचनशक्ति वालों को सोंठ, इलायची, पीपर, पीपरामूल जैसे पाचक मसाले डालकर उबला हुआ दूध पीना चाहिए। दूध को ज्यादा देर तक उबालने से उसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं और दूध गाढ़ा हो जाता है।


                दूध को उबालकर उससे मलाई निकाली जाती है। मलाई गरिष्ठ, शीतल (ठण्डा), बलवर्धक, तृप्तिकारक, पुष्टिकारक, कफकारक और धातुवर्धक है। यह पित, वायु, रक्तपित एवं रक्तदोष को खत्म करती है। गुड़ डाला हुआ दूध मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन) को खत्म करता है। सुबह का दूध विशेषकर शाम के दूध की तुलना में भारी व ठण्डा होता है। रात में पिया हुआ दूध बुद्धिवर्द्धक, टी.बी.नाशक, बूढ़ों के लिए वीर्यप्रद आदि दोषों को खत्म करने वाला होता है। खाने के बाद होने वाली जलन को शान्त करने के लिए रात में दूध पीना चाहिए।

विभिन्न रोगों में सहायक :

1. शिशु शक्तिवर्धक: बच्चे बड़े होने पर कमजोर हो या उन्हें सूखा रोग (रिकेटस) हो तो उन्हें दूध में बादाम मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।

2. शक्तिवर्धक: आधा किलो दूध में 250 ग्राम गाजर को कद्दूकस से छोटे-छोटे पीस करके उबालकर सेवन करने से दूध जल्दी हजम हो जाता है। दस्त साफ आता है व दूध में लोहे की मात्रा अधिक हो जाती है। स्त्रीप्रसंग (संभोग) के बाद की कमजोरी: स्त्री प्रसंग (संभोग) करने के बाद एक गिलास दूध में 5 बादाम पीसकर मिलाएं और इसमें 1 चम्मच देशी घी डालें और पी जाएं। इस प्रयोग से बल मिलता है। नामर्दी दूर करने के लिए सर्दियों के मौसम में दूध में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग केसर डालकर पीना चाहिए।

3. अम्लपित्त: जिन्हें अम्लपित्त (पेट से कंठों तक जलन) हो, उन्हें दिन में 3 बार ठण्डा दूध पीने से लाभ होता है।
गाय या बकरी के दूध का प्रयोग करना चाहिए। भैंस के दूध का सेवन हानिकारक होता है, इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
आधा गिलास कच्चा दूध, आधा गिलास पानी, 2 पिसी हुई छोटी इलायची मिलाकर सुबह पीने से अम्लपित्त में लाभ होता है।

4. थकान: थकावट दूर करने के लिए 1 गिलास गर्म दूध सेवन करना चाहिए।

5. होठों का सौन्दर्य: 1 चम्मच कच्चे दूध में थोड़ा-सा केसर मिलाकर होंठों पर मालिश करने से होंठों का कालापन दूर होकर रौनक बढ़ती है।

6. चेहरे का सौन्दर्य: चेहरे पर से झांई, मुंहासे और दाग-धब्बे हटाने के लिए रात को सोने से पहले गर्म दूध चेहरे पर मलें, फिर आधे घंटे के बाद साफ पानी से धोयें इससे चेहरे की सुन्दरता बढे़गी, दूध की झाग चेहरे पर मलने से दाग-धब्बे समाप्त हो जाते हैं। चेहरे पर झांई, कील, मुंहासे, दाग, धब्बे दूर करने के लिए सोने से पहले गर्म दूध चेहरे पर मले, चेहरा धोएं। आधा घंटे बाद साफ पानी से चेहरा धोएं। इससे चेहरे का सौन्दर्य बढ़ेगा। चेहरे के धब्बों पर ताजे दूध के झाग मिलने से धब्बे मिट जाते हैं। सोते समय चेहरे पर दूध की मलाई लगाने से भी कील-मुहांसे तथा दाग-धब्बों पर ताजे दूध के झाग मलने से धब्बे मिट जाते हैं।

7. खुजली: दूध में पानी मिलाकर रूई के फाहे से ‘शरीर पर रगड़ने के थोड़ी देर बाद स्नान करने से खुजली मिट जाती है।

8. आधासीसी का दर्द: सूर्योदय (सुबह सूरज उगने से पहले) से पहले गर्म दूध के साथ जलेबी या रबड़ी खाने से आधाशीशी (आधे सिर के दर्द) का दर्द दूर हो जाता है।
50 ग्राम बकरी के दूध में लगभग 50 ग्राम भांगरे के रस को मिलाकर धूप में गर्म होने के लिए रख दें। अब इस मिले हुए दूध में लगभग 5 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण को मिलाकर सिर में मलने से आधे सिर का दर्द दूर हो जाता है।

9. आंखों के रोग: आंखों में चोट लगी हो, जलन हो रही हो, मिर्च-मसाला गिरा हो, कोई कीड़ा गिर गया हो या दर्द होता हो, तो रूई के फाहे को दूध में भिगोकर आंखों पर रखने से आराम मिलता है। दूध की 2 बूंदे दूध आंखों में भी डालने से भी लाभ होता है।

दूध पीने के कुछ नियम

                कुछ लोगों को दूध पीने के बाद हजम नहीं हो पाता। उन्‍हें पेट फूलने या फिर बार खराब होने की समस्‍या से जूझना पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार दूध पीने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करने से आपको दूध हजम हो जाएगा।

                दूध हमारे खान-पान का बहुत अहम हिस्सा है। यह हमारे शरीर और दिमाग को जरुरी पोषण प्रदान करता है। यह ठंडा, वात और पित्‍त दोष को बैलेंस करने का काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार गाय का दूध सबसे ज्‍यादा पौष्टिक होता है। दूध भूख को शांत करता है और मोटापे से भी छुटकारा दिलाने में मददगार है। लेकिन कुछ लोगों को दूध पीने के बाद हजम नहीं हो पाता। उन्‍हें पेट फूलने या फिर बार खराब होने की समस्‍या से जूझना पड़ता है। पहले ज़माने के मुकाबले आज कल दूध की क्‍वालिटी में गिरावट आने की वजह से ऐसा होता है। यदि आपका पाचन तंत्र मजबूत नहीं है तो भी आपको दूध ठीक से हजम नहीं हो पाएगा। आयुर्वेद के अनुसार दूध पीने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करने से आपको दूध हजम हो जाएगा।

बिना शक्कर मिला दूध

               आमतौर पर लोगों की आदत होती है कि दूध में शक्कर मिलाकर पीते हैं। आयुर्वेद का मानना है कि यदि रात में बिना शक्कर मिला दूध पियेंगे तो वह अधिक फायदेमंद होगा। अगर हो सके तो दूध में गाय का एक या दो चम्मच घी भी मिला लेना चाहिए।

ताजा व जैविक दूध

               इन दिनों हमारी जीवनशैली ऐसी है कि हम हर चीज पैकेट वाली इस्तेमाल करने लगे हैं। दूध भी अधिकतर लोग पैकेट वाला ही लेते हैं। पैकेट वाला दूध न ताज़ा होता है और न ही जैविक। आयुर्वेद के अनुसार, ताजा, जैविक और बिना हार्मोन की मिलावट वाला दूध सबसे अच्‍छा होता है। पैकेट में मिलने वाला दूध नहीं पीना चाहिये।

उबला दूध

               कुछ लोगों को कच्चा दूध अच्छा लगता है। फ्रिज से दूध निकालकर बिना उबाले सीधे ही पी जाना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता। आयुर्वेद मानता है कि दूध को उबालकर, गर्म अवस्था में पीना चाहिए। अगर दूध पीने में भारी लग रहा हो तो उसमें थोड़ा पानी मिलाया जा सकता है। ऐसा दूध आसानी से पच भी जाता है।

देसी गाय का दूध

               आयुर्वेद देसी गाय के दूध के सेवन पर अधिक जोर देता है। आयुर्वेद के अनुसार, देसी गाय का दूध ही सबसे अधिक फायदा देता है। शहरों में इस तरह का दूध ढूंढ पाना थोड़ा मुश्किल तो होता है लेकिन अगर संभव हो तो यही दूध पीना चाहिए।

दूध में लौंग व इलायची

                जिन लोगों को दूध हजम नहीं होता उनके लिए दूध पीने का एक और तरीका है। दूध में एक चुटकी अदरक, लौंग, इलायची, केसर, दालचीनी और जायफल आदि की मिलाएं। इससे आपके पेट में अतिरिक्त गर्मी बढ़ेगी जिसकी मदद से दूध हजम होने में आसानी मिलेगी।

दूध और केसर

                अक्सर किसी न किसी वजह से हम रात का खाना नहीं खा पाते। आयुर्वेद के अनुसार, ऐसी स्थिति में एक चुटकी जायफल और केसर डाल कर दूध पी लें। इससे नींद भी अच्‍छी आती है और साथ ही शरीर को ऊर्जा भी प्राप्त हो जाती है। अगली बार से जब रात का खाना न खाएं, इस तरह का दूध पी लें।

नमकीन चीज़ व मछली के साथ दूध का सेवन नहीं

                आयुर्वेद का कहना है कि किसी भी नमकीन चीज़ के साथ दूध का सेवन ना करें। क्रीम सूप या फिर चीज़ को नमक के साथ ना खाएं। दूध के साथ खट्टे फल भी नहीं खाने चाहिये। आमतौर पर, दूध इन चीज़ों के साथ मिलकर रिऐक्शन कर जाता है। ये बात आपने कई बार सुनी होगी, कि दूध के साथ मछली का सेवन नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद का मानना है कि यदि दूध और मछली का सेवन एक वक्त पर किया जाए तो इससे त्वचा खराब हो जाती है। त्वचा पर सफेद व भूरे धब्बे उबरने लगते हैं।

दूध पीने के बाद कभी न खायें ये चीजें

                 आयुर्वेदिक नियम के अनुसार दूध के साथ कुछ आहारों का सेवन पूर्णत वर्जित माना जाता है। इन आहारों का साथ में सेवन करने से शरीर को नुकसान पंहुच सकता है।

नींबू कटहल के संग भी दूध हानिकारक

                 दूध के साथ कुलत्थी व नींबू, कटहल करेला या फिर नमक का कभी भी एक साथ सेवन नहीं करना चाहिये । ये आपको लाभ पंहुचाने के बजाए नुकसान पंहुचा देगा। जिससे कि आपको शारीरिक परेशानी हो सकती है। इसको खाने से सबसे ज्यादा चमड़ी के रोग दाद,खाज ,खुजली,एगसिमा ,सोराईसिस, आदि हो सकते है।

ना करें उड़द की दाल और दूध का संग

                 दूध के साथ मूँग, उड़द, चना आदि सभी दालें,, गाजर, शककंद, आलू, , तेल, गुड़, शहद, दही, नारियल, लहसुन, कमलनाल, सभी नमकयुक्त व अम्लीय प्रदार्थ नहीं लेना चाहिए। इनके बीच कम-से-कम 2 घंटे का अंतर अवश्य रखें | अगर आप उड़द की दाल को दूध के साथ खाते है तो हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।

मूली के संग ना खाये दूध         

                दूध को कभी भी नमकीन और खट्टी चीजों के साथ नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा यदि किसी खाद्य पदार्थ में मूली का प्रयोग किया गया है तो इसके तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से दूध विषैला हो सकता है साथ ही त्वचा संबंधी रोग होने की आशंका रहती है। मूली से बनी चीजें खाने के कम से कम दो घंटे के बाद ही दूध पिएं।

मछली के साथ दूध

                दही की तासीर ठंडी होती है। इसे किसी भी गर्म चीज के साथ नहीं लेना चाहिए। वहीं मछली की तासीर काफी गर्म होती है, इसलिए इसे दही के साथ नहीं खाना चाहिए। इसके साथ सेवन से गैस, एलर्जी और त्वचा संबंधी बीमारी हो सकती है। दही के अलावा शहद को भी गर्म चीजों के साथ नहीं खाना चाहिए।

ना लें दूध के साथ फल

                 दूध के साथ फल लेते हैं तो दूध के अंदर का कैल्शियम फलों के कई एंजाइम्स को एड्जॉर्ब (खुद में समेट लेता है और उनका पोषण शरीर को नहीं मिल पाता) कर लेता है। संतरा और अनन्नास जैसे खट्टे फल तो दूध के साथ बिल्कुल नहीं लेने चाहिए। व्रत वगैरह में बहुत से लोग केला और दूध साथ लेते हैं, जोकि सही नहीं है। केला कफ बढ़ाता है और दूध भी कफ बढ़ाता है। दोनों को साथ खाने से कफ बढ़ता है और पाचन पर भी असर पड़ता है।

क्‍या है दूध पीने का सही समय

                 बचपन से ही हम सभी सुनते आए हैं कि दूध पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दूध में विटामिन (A, K और B12), थाइमिन और निकोटिनिक एसिड, मिनरल जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं। जो हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे हमें ताकत मिलती है। ये बात तो लगभग हम सभी जानते हैं दूध कब पीना चाहिए यानी दूध पीने का सही समय क्‍या है, इस बात को लेकर हर आम इंसान के मन में संशय होता है। रात को दूध का सेवन करने वालों के मन में ये संशय होता ह्रै कि रात को दूध पीना फायदेमंद होता है या नुकसानदायक। हालांकि अगर दूध का सेवन दिन में किया जाए तो यह हमें दिनभर एनर्जी देता है और रात मे लिया जाये तो यह दिमाग को शांत और अनिंद्रा दूर करता है। अगर आपको भी ये संशय है तो हम आपको बताते हैं कि दूध पीने का सही समय क्‍या है। आयुर्वेद में तो रात को दूध पीने को प्राथमिकता दी जाती है।

अलग-अलग समय पर दूध पीने का असर:

सुबह:
पचाने में भारी होने के कारण सुबह दूध पीने से मना किया जाता है।

दोपहर: दोपहर के समय दूध पीना बुजुर्गों के लिए फायदेमंदह होता है क्‍योंकि इससे बुजुर्गों को ताकत मिलती है।

शाम: शाम के समय दूध पीना आंखों के लिए बहुत अच्‍छा होता है।

रात: रात को दूध पीने सबसे अच्‍छा माना जाता है क्‍योंकि इससे शरीर की थकान मिटती है और नींद अच्‍छी आती है।

रात को दूध पीने के लाभ

                 दूध में ट्रीप्‍टोफन नामक अमीनो एसिड की मौजूदगी से नींद के हार्मोंन स्‍तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसी कारण से रात को दूध पीने से अच्‍छी नींद आती है। दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ कैल्शियम शाम को कम गतिविधि स्‍तर के कारण बेहतर तरीके से अवशोषित हो जाता है। दूध में प्रोटीन होता है जो कि मांसपेशियों के विकास के लिये लाभदायक होता है।

इन बातों का रखें ख्‍याल:

                  कमजोर पाचन, कुछ त्वचा संबंधी समस्‍याओं, खांसी, हर वक्‍त पेट खराब और पेट में कीड़े जैसी समस्‍याओं से परेशान लोगों को दूध के सेवन से बचना चाहिए। दूध को कभी भी भोजन के साथ नहीं पीना चाहिये क्‍योंकि यह जल्‍द हजम नहीं हो पाता। इसे हमेशा अलग से गर्म करके पीना चाहिये। दूध को ठंडा, ज्‍यादा और अनुपयुक्त खाद्य पदार्थों के साथ लेने पर यह सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

                  आयुर्वेद के अनुसार रात को सोने से पहले दूध पीने के लिए जरूरी है कि आप शाम के भोजन के दो घंटे बाद ही इसे पीये ताकी अमाशय खाली हो चुका हो, तभी आपको रात को दूध पीने के लाभ मिलेगें। क्‍योंकि इसे पीने के बाद सो जाने से कोई पदार्थ पेट में नहीं जाता, दूध आसानी से पच जाता है और फायदा करता है।

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