रावण ने क्या कहा था बिल्व पत्र के बारे में


               भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाए जाते हैं ये तो सभी को पता ही है परन्तु क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव के अनन्य भक्त रावण ने ज्योतिष विज्ञान पर लिखी अपनी पुस्तक रावण संहिता में बिल्व पत्र का विशेष महत्व बताया है। यह पुस्तक इस समय नेपाल के गुंजेश्वरी में उपलब्ध है। इस पुस्तक में रावण ने एक अध्याय सिर्फ बिल्व पत्र पर ही लिखा है। 

रावण संहिता के अनुसार बिल्व पतर की विशेषताएं 
  • बिल्व पत्र के वृक्ष के आसपास कभी सॉंप नहीं आते हैं। 
  • वायुमंडल की अशुद्धियों को सोखने की शक्ति होती है। 
  • बिल्व पत्र भगवान शिव को अर्पण करने से भक्त को अनन्त सौभाग्य और सुख मिलता है। 
  • बिल्व वृक्ष को लगाने से वंश वृद्धि होती है। 
  • बिल्व पत्र के दर्शन मात्र से सभी पापों  का नाश होता है। 
  • बिल्व वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते है। 
  • बिल्व वृक्ष लगाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। 
  • बिल्व पत्र और तमृ धातु के विशेष प्रयोग से स्वर्ण धातु का उत्पादन होता है। 
  • चाहे भूल से ही किंतु शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने से सभी पापों का नाश हो जाता है 

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