भगवान शिव के तीन नेत्रों का रहस्य

             सभी  देवी देवताओं में केवल भगवान शिव के ही तीन नेत्र है लेकिन क्या आप भगवान भोले के तीनों नेत्रों के रहस्यों के बारे में जानते है ? भगवान भोलेनाथ का एक नाम त्रिलोचन भी है क्योंकि एक मात्र भोले नाथ ही ऐसे हैं जिनकी तीन आंखें हैं। शिव के दो नेत्र तो सामान्य रुप से खुलते और बंद होते रहते हैं लेकिन तीसरी आंख शिव जी तभी खोलते हैं जब शिव जी बहुत क्रोधित होते हैं। इस नेत्र के खुलने का मतलब है प्रलय का आगमन।


             शिव के तीन नेत्र इस बात के प्रतीक हैं कि शिव ही संसार में व्याप्त तीनों गुण रज, तम और सत्व के जनक हैं। इनकी ही प्रेरणा से रज, तम और सत्व गुण विकसित होते हैं।

              शिव का तीसरा नेत्र वास्तव में ज्ञान नेत्र है, जिसके खुलने मात्र से काम भष्म हो जाता है। इसका प्रमाण है कि जब शिव जी ने पहली बार तीसरी आंख खोली तो कामदेव जलकर भष्म हो गए। शिव का तीसरा नेत्र मनुष्य के लिए ज्ञान रुपी नेत्र को विकसित करने की प्रेरणा देने वाला है ताकि मनुष्य धरती पर ज्ञान द्वारा काम और वासनाओं से मुक्त होकर मुक्ति प्राप्त कर सके।

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