भगवान शिव को क्यों प्रिय है भांग ?

                हिंदू पौराणिक ग्रंथो में भांग की उल्लेख मिलता है। भांग एक नशीला पदार्थ है। जो आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है। वेदों के अनुसार समु्द्रमंथन से जब अमृत निकला तो उसकी एक बूंद मद्रा पर्वत पर गिरी थी। 


                उस जगह एक पौधे ने जन्म लिया। जिसे भांग का पौधा कहा गया। जब यह पौधा थोड़ा बड़ा हुआ तो इसकी पत्तियों के रस को देवताओं ने पिया। यह रस भगवान शिव को बहुत प्रिय लगा। तभी से उनका यह पसंदीदा पेय बन गया। वजह यह है कि भगवान शिव सन्यासी हैं और उनकी जीवन शैली बहुत अलग है।

                एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भांग, देवी गंगा की बहन हैं। भांग के पौधे को माता पार्वती का स्वरूप भी माना गया है। ऐसी अन्य दंतकथाएं हमारे शास्त्रों में मिलती है। गांजा, धतूरा, भांग जैसी चीजें नशे के साथ ही शरीर को गरमी भी प्रदान करती हैं। जो वहां सन्यासियों को जीवन गुजारने में मददगार होती है। इसके आयुर्वेदिक गुणों के कारण ही इसे शिव से जोड़ा गया है।

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