देव दीपावली पर 80 लाख दीयों के बीच कुछ यूं नजर आई काशी

               दीपावली के 14 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को काशी में धूमधाम से देव दीपावली मनाई जाती है। घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। 84 घाटों पर दीयों की लड़ियां सजाई गई है। उन्हें देखकर ऐसा लग रहा है मानो तारे आसमान छोड़कर धरती पर उतर आए हों। भव्य गंगा आरती का भी आयोजन किया गया। देव दीपावली देखने के लिए दूर-दूर से लोग वाराणसी आते हैं।


               दशाश्वमेध घाट पर देव दीपावली के दिन पर्यटकों का जमावड़ा लगता है। घाट की फूलों और इलेक्ट्रॉनिक लाइटों से आकर्षक सजावट की गई है। वीवीआईपी मेहमानों के लिए अलग से इंतजाम किए गए है। इसके अलावा शानदार आतिशबाजी का नजारा भी दिखाया गया। भीड़ को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए है।


              ऐसी मान्यता है कि इस तिथि से पहले कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु नींद से जागते हैं। ये भी माना जाता है कि दीपावली पर महालक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु से पहले जाग जाती हैं, इसलिए दीपावली के 15 दिन बाद देवताओं की दीपावली मनाई जाती है। इसे ही आगे चलकर देव दीपावली ने नाम से जाना गया।

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